देशभक्ती के मेरे मायने
दोस्तों देशभक्ती के सबसे अपने अपने मायने होते है सब लोग अपने देश से प्यार करते हैं सबका देश से प्यार करने का अपना अपना नजरिया होता है।पर क्या वो लोग अपने देश का खयाल भी रखते? ये एक बहुत बडा सवाल है!
अभी हाल ही मे भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। मै हर साल राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने जाता हू जैसे कि इस बार भी गया मैने देखा कि बहुत सारे छोटे छोटे बच्चे नयी युनिफॉर्म पहनकर आज स्कूल आये थे बहुत सारे लोग इस शुभ अवसर पर यहां मौजूद थे भीड का आलम कुछ ये था की पैर रखने कै लिये जगह नहीं बची थी। बहुत अच्छा लगा ये सब देखकर की देश से प्यार करने वालों की कोई कमी नहीं है।
पर मेरा यह आनंद कुछ ज्यादा देर टिक नहीं पाया ध्वजारोहण होकर बस कुुछ ही वक्त हुआ था। और लोग अब अपने अपने घर जा रहे जैसे जैसे भीड कम होती गयी साफ सुधरी जमीन स्कूल का आंगन अब धिरे धिरे कुडे के ढेर मे बदलता दिखाई दे रहा था मै फिर से एक बार सोच मे पड गया ये कैसे देशभक्त है जो अपने ही देश को गन्दा कर रहे हैं। एक पढा लिखा इन्सान कचरा करता है। और वही एक तरफ अनपढ इन्सान उसी कचरे को उठाकर सफाई करता है जो लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ सकते तो वो लोग कैसी देशभक्ती निभायेंगे?
क्या सिर्फ वंदे मातरम् ,भारत माता की जय करके घोषणा देना देशभक्ती है। या फिर इन नारो का मतलब समझना देशभक्ती है।
मेरे खयाल से अपने जिम्मेदारी को समझना, अपने कर्तव्य का पालन करना, अपने और अपने देश के विकास और सुरक्षा के लिए कार्य करना यही देशभक्ती है। धन्यवाद
जय हिंद जय भारत
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